हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
اَللّٰهُمَّ اغْسِلْنِی فِیهِ مِنَ الذُّنُوبِ وَطَهِرْنِی فِیهِ مِنَ الْعُیُوبِ وَامْتَحِنْ قَلْبِی فِیهِ بِتَقْوَی الْقُلُوبِ، یَامُقِیلَ عَثَراتِ الْمُذْنِبِینَ ۔
ऐ माबूद! आज के दिन मुझे ग़ुनाहों से पाक कर दें मेरे अएब और नकाएस दूर फरमा दें, और उसमें मेरे दिल को आज़माकर अहले तक़्वा का दर्जा दें, ए ग़ुनाहग़ारों की खताओं को माफ करने वाले,
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